डा. श्रीमती रमा जयासुन्दर द्वारा गायत्री मंत्र पर किया गया एक वैज्ञानिक अध्ययन
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली (AIIMS, New Delhi) की एक वरिष्ठ डॉक्टर श्रीमती रमा जयासुंदर जी ने गायत्री मंत्र के जप का मानव मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्यन किया इसमें उन्होंने MRF (मैग्नेटिक रेजोनेंस स्पेक्ट्रोस्कोपी ) की तकनीक का इस्तेमाल 25 वालंटियर्स पर किया तथा उनके मस्तिष्क के दायें एवं बाएं हिस्सों के विभिन्न क्रियात्मक पैरामीटरों का अध्ययन किया | इनमें से 2 वालंटियर्स पर ५ सप्ताह तक अध्ययन किया । एक वालंटियर नियमित रूप से प्रातः 1008 गायत्री मंत्रो का जाप करता रहा व दूसरे वालंटियर ने कुछ नहीं किया | उनके मस्तिष्क में होने वाले बदलाव को प्रत्येक सप्ताह रिकॉर्ड किया गया |
नतीजे काफी ही रोचक पाए गए| देखा गया कि जिस वालंटियर ने कुछ नहीं किया, उसके दाएं और बाएं मस्तिष्क की क्रियात्मकता एवं संतुलन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा । (चित्र 1 ) किन्तु जिस वालंटियर ने नियमित गायत्री मंत्र का जाप किया उसके मस्तिष्क के दोनों भाग की क्रियात्मकता एवं संतुलन में सकारात्मक प्रभाव पाए गए | देखा यह गया कि दाएं और बाएं मस्तिष्क काफ़ी हद तक संतुलित होकर समान रूप से क्रियात्मक हो गए थे । (चित्र 2 )
(चित्र 1 )
(चित्र 2 )
वैदिक शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र के नियमित जप और ध्यान से मानव चेतना का असीमित विकास संभव है | इसी से प्रेरित होकर डॉक्टर श्रीमती रमा जयासुंदर जी ने यह शोध कार्य किया | उल्लेखनीय है कि यह शोध अंतर्राष्ट्रीय कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, यू.के. में की गयी थी तथा विश्व प्रसिद्ध रिसर्च जर्नल ‘ResearchGate’ में छपी है | इस शोध की विस्तृत जानकारी के लिए शोध पत्र के निम्न लिंक पर क्लिक करें :
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