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यज्ञोपैथी अनुभव: गर्भावस्था पर यज्ञ एवं संस्कार का प्रभाव, श्रीमती टिया, रायपुर

Updated: Jan 6, 2021

मैं जब गर्भवती थी तो मुझे बहुत सारी दिक्कतें हुई जैसे मेरा ब्लड शुगर और थाइराइड बढ़ा हुआ था, कमर दर्द व अन्य कई समस्याएँ थी

मैंने गायत्री परिवार के गर्भोत्सव संस्कार कार्यक्रम में भाग लिया व नित्यप्रति गायत्री यज्ञ 24 आहुति गायत्री मंत्र से और 03 आहुति महामृत्युंजय मंत्र द्वारा करती रही। मुझे शुगर के कारण डॉक्टर ने कहा था कि शिशु का वजन कम रहेगा। इसके कारण नवें महीने में शिशु का विकास थोड़ा धीरे - धीरे हुआ। डिलीवरी के पहले सोनोग्राफी कराने पर शिशु का वजन 2.6 किलोग्राम बताया परंतु तुरंत बाद जब डिलीवरी हुई तो उसका वजन 3.2 किलोग्राम आया जो कि डॉक्टर के अनुसार भी एक चमत्कार ही था। इतनी समस्याओं के बावजूद मेरी डिलीवरी पूर्णतः सुरक्षित रही एवं बेटी भी स्वस्थ रही। इसके अतिरिक्त सभी इस बात से आश्चर्यचकित थे कि नवजात बच्ची की भाव भंगिमा बहुत सकारात्मक थी और वो सबको देखकर मुस्कुरा रही थी। मैं और मेरे पति गायत्री परिवार के आभारी हैं जिन्होंने पूरे गर्भावस्था के समय में मुझे सकारात्मक चिंतन एवं नियमित यज्ञ करने के लिए प्रेरित किया। सभी को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम!



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